एक 26 साल का युवा रविंद्र सिंह भाटी जिसका कोई पॉलीटिकल बैकग्राउंड नहीं है इसके बावजूद इस युवा के पीछे इतनी भीड़ जुट रही है की कई पार्टियों के होश उड़े हुए हैं। रविंद्र सिंह भाटी ने जब नामांकन के लिए अपनी रैली निकाली तो उसमें इतने लोग आए जितने मोदी के रैली में आते हैं इसको देखकर कहीं बड़े नेता को बाड़मेर आना पड़ा।
रविंद्र सिंह भाटी ने कॉलेज के समय पर भी निर्दलीय से चुनाव लड़ा था उस समय पर उन्हें टिकट नहीं मिलने के कारण वह निर्दलीय से खड़े हुए थे और चुनाव को जीता था। इसके बाद 3 साल तक उन्होंने कॉलेज में कार्यभार संभाला। इसके पश्चात शिव की जनता के कहने पर इन्होंने शिव से चुनाव लड़ा। और यहां भी यही खेल हुआ इनको यहां पर भी टिकट नहीं मिला और वह निर्दलीय से चुनाव जीते।
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